झूठ को झूठ कहा

झूठ को झूठ कहा, सच को सच ही बोला है… उसे समझाइये, वो शक़्स बहुत भोला है !!!

तेरा मेरा रिश्ता भी

तेरा मेरा रिश्ता भी कागज़ और कलम सा है जब भी मिलते है गैरों की बातें ही करते हैं|

रूठना मत कभी

रूठना मत कभी हमसे, मना नही पायेंगे, तेरी वो कीमत है मेरी जिंदगी में, कि शायद हम अदा नहीं कर पायेंगे….

तुम लाख छुपाओ …

तुम लाख छुपाओ मुझसे जो रिश्ता है तुम्हारा सयाने कहते हैं नजर अंदाज करना भी मुहब्बत है…..

बड़ा अजीब दस्तुर है

बड़ा अजीब दस्तुर है यारों, दर्द आँखो से निकले तो कायर हैं, और बातो से निकले तो शायर हैं..

किसी रिश्ते में निखार

किसी रिश्ते में निखार, सिर्फ अच्छे समय में हाथ मिलाने से नहीं आता………..बल्कि …… नाज़ुक समय में हाथ थामने से आता है…

तूझे पाने की ख्वाहिश

कसम से तूझे पाने की ख्वाहिश तो बहूत थी मगर मुझे तुझसे दूर करने की दुआ करनेवाले जादा निकले |

रिश्तों को संभालते-संभालते

रिश्तों को संभालते-संभालते थकान सी होने लगी है… रोज़ कोई ना कोई नाराज हो जाता है…!!

तेरे इश्क़ का चर्चा

दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे, मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे, गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है, हम दूर से भी अब तुम्हें देखा ना करेंगे।

मजबूर नही करेंगे

मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए, बस एक बार आ जा अपनी यादें वापस ले जाने के लिए…!!!

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