तुम ही तुम दिखते हो हमें कुछ हुआ तो जरूर है, ये आइनें की भूल है या मस्त निगाहों का कसूर है !!
Category: Hindi Shayri
कागज पे तो
कागज पे तो अदालत चलती है, हमें तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर है..!!
है हमसफर मेरा तू..
है हमसफर मेरा तू.. अब…मंझिल-ऐ-जुस्तजू क्या…?? खुद ही कायनात हूँ… अब….अरमान-ऐ-अंजुमन क्या…
बहुत दिन हुए तुमने
बहुत दिन हुए तुमने, बदली नहीं तस्वीर अपनी! मैंने तो सुना था, चाँद रोज़ बदलता हैं चेहरा अपना!!
क्या ऐसा नही हो सकता …
क्या ऐसा नही हो सकता ….. हम प्यार मांगे, और तुम गले लगा कर कहो…. “और कुछ”
बड़े सुकून से
बड़े सुकून से वो रहता है आज कल मेरे बिना, जैसे किसी उलझन से छुटकारा मिल गया हो उसे…
कोई ऐसी सुबह भी
कोई ऐसी सुबह भी मिले मुझे, के मेरी आँख खुले तेरी आवाज से..
ख्वाहिशें तो मेरी
ख्वाहिशें तो मेरी छोटी छोटी ही थी पुरी ना हुई तो बड़ी लगने लगी..
सुनो.. इस दूनिया मेँ
सुनो.. इस दूनिया मेँ हर वो एक शख्स अकेला हैँ जिसने सच्चे दिल से मोहब्बत की हैँ…!!
गाँव में जो छोड़ आए
गाँव में जो छोड़ आए हजारों गज की हवेली, शहर के दो कमरे के घर को तरक्की समझने लगे हैं।