मेरे पास आते आते, दूर मुझसे हो रही हैं। एक अजनबी मिलके रोज, कुछ और अजनबी हो रही हैं।
Category: Hindi Shayri
अंजाम-ए-मोहब्बत
अंजाम-ए-मोहब्बत सोच कर आगाज-ए-मोहब्बत कर न सके.. अब क्यूँ रोते हो उसके लिए, तमाम उम्र जो कभी हुआ नही..??
कभी दंगो में जल गई
कभी दंगो में जल गई थी जो कहानियाँ, आज फिर से दंगो की वजह बन गई हैं।
वो कहते रहे झूठ
वो कहते रहे झूठ, मै करता रहा यकीन। इतना यकीन किया, यकीन नही होता।
मैं जलता हूँ उन बातों से
मैं जलता हूँ उन बातों से भी, वो बातें.. जो मैं खुद भी नही जानता।
हर रात उधेड़ देती हैं
हर रात उधेड़ देती हैं उन शामो को, जो उन दिनों मेरी सुबह लेके आई थी।
Mante hain raste
Mante hain raste pe mile the hum,, To bs kya hume raste pe la doge.
शिकायते तो बहुत है
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी …!! पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता …!!
इतना संस्कारिक कलयुग
इतना संस्कारिक कलयुग आ गया है कि लड़की कि विदाई के वक्त.. माँ बाप से ज्यादा तो मोहल्ले के लड़के रो देते है
MOTHER का M ही
MOTHER का ‘M’ ही महत्वपूर्ण है । क्योंकि ‘M’ के बिना बाकी सब OTHER है ।