हमको महसूस किया

हमको महसूस किया जायेगा खुशबु की तरह …. हम कोई शोर नहीं जो सुनाई देंगे !!

मेला लग जायेगा

मेला लग जायेगा उस दिन शमशान में…जिस दिन में चला जाऊंगा आसमान में….!!

सच को तमीज़ नहीं

सच को तमीज़ नहीं बात करने की.. जुठ को देखो कितना मीठा बोलता है ।

आसमां में उड़ने की

आसमां में उड़ने की चाह रखने वाले.. कभी जमी पर गिरने की परवाह नहीं करते !!

एहसान जताने का हक

एहसान जताने का हक भी हमने दिया उन्हे साहिब, और करते भी तो क्या करते,प्यार था हमारा कैदी नहीं था…

सुनो तुम चाहो तो

सुनो तुम चाहो तो अपने हाथों से संवार देना बाल बिखरा के भेजी है हमारी तस्वीर हमने|

जी ढूँढता है

जी ढूँढता है घर कोई दोनों जहाँ से दूर इस आप की ज़मीं से अलग आसमाँ से दूर

मैंने कब उससे

मैंने कब उससे रिआयत की गुज़ारिश की थी वो हर इक बात पे एहसान जताता क्यूँ है !

मेरे गुनाहों का

मेरे गुनाहों का हलफ़नामा ज़रा बड़ा है ‘ अपनों की हँसी तकल्लुफ़ जो देती है मुझे ।।

मेरे गुनाहों की

मेरे गुनाहों की सज़ा तुझे मिली है आज माना अब तो ताउम्र मुझे, अपनी सज़ा का इंतज़ार होगा ।।

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