मुझे कुबूल नहीं खुद ही दूसरा चेहरा, ख़ुशी तो मुझ को भी अक्सर तलाश करती है…
Category: Heart Touching Shayri
कभी इश्क़ करो
कभी इश्क़ करो और फिर देखो इस आग में जलते रहने से.. कभी दिल पर आँच नहीं आती कभी रंग ख़राब नहीं होता..
उन्होंने ये सोचकर
उन्होंने ये सोचकर अलविदा कह दिया कि गरीब है, मोहब्बत के अलावा क्या देगा|
प्यार से तो ज़िन्दगी
प्यार से तो ज़िन्दगी बरबाद होती होगी….. मगर उसके दर्द से दील आबाद रहता है …..
वो एक ही चेहरा
वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ में, जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नहीं जाता। मैं अपनी ही उलझी हुई राहों का तमाशा, जाते हैं जिधर सब, मैं उधर क्यों नहीं जाता।
सुना है इश्क की
सुना है इश्क की सजा मौत होती है… तो लो मार दो हमे क्यूंकि प्यार करते है हम आपसे|
करम इतना सा
करम इतना सा करना मुझपे ए मालिक… ज़िक्र जब फ़िक्र का हो तो मुझे ही आगे करना… आग का दरिया हो या समंदर की गहराई…. मैं ही पार करुँगा पहले नहीं पड़ने दूंगा उसपे गम की कोई परछाई…
सफ़र में धूप तो होगी
सफ़र में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो.. सभी है भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो.!
ये सुलगते जज्बात
ये सुलगते जज्बात दे रहे है गवाही क्यों तुम भी हो न इस इश्क़ के भवर में|
और कितना परख़ोगे
और कितना परख़ोगे तुम मुझे? क्या इतना काफ़ी नहीं कि मैनें तुम्हें चुना है।