उनकी गहरी नींद का

उनकी गहरी नींद का मंजर कितना हसीं होता होगा….. तकिया कहीं,जुल्फें कहीं और वो खुद कहीं।।

हमसे मोहब्बत का दिखावा

हमसे मोहब्बत का दिखावा न किया कर… हमे मालुम है तेरे वफा की डिगरी फर्जी है

धीरे से इतराना

धीरे से इतराना और तेज़ घूम जाने के बिच में, एक लम्हा तुम्हारी आगोश में कँही खो गया है।

खुद से जीतने की जिद है…

खुद से जीतने की जिद है…मुझे खुद को ही हराना है… मै भीड़ नहीं हूँ दुनिया की…मेरे अन्दर एक ज़माना है…

हाथ की लकीरें

हाथ की लकीरें सिर्फ सजावट बयाँ करती है, किस्मत अगर मालूम होती तो मेहनत कौन करता।

इन्तेजार तो अब किसी का

इन्तेजार तो अब किसी का भी नहीं है, फिर जाने क्यूँ पलटकर देखने की आदत नहीं गई…

शौक़ कहता है

शौक़ कहता है हर जिस्म को सजदा कीजिए, आँख कहती है तूने अभी देखा क्या है?

दिल न मिल पाए

दिल न मिल पाए अगर आंख बचा कर चल दो, बेसबब हाथ मिलाने की जरुरत क्या है?

इसी ख़याल से

इसी ख़याल से पलकों पे रुक गए आँसू… तेरी निगाह को शायद सुबूत-ए-ग़म न मिले..

हँसते रहो तो

हँसते रहो तो दुनिया साथ है, आँसुओ को तो आँखों में भी जगह नहीं मिलती ।

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