अगर देखनी है

अगर देखनी है कयामत तो चले आओ हमारी महफिल मे सुना है आज की महफिल मे वो बेनकाब आ रहे हैँ|

उसे मिल गए

उसे मिल गए उसकी बराबरी के लोग मेरी गरीबी मेरी मोहब्बत की कातिल निकली |

तुम हो मुस्कान

तुम हो मुस्कान लबों की…. बाकी ज़िन्दगी खाली-ख़ाली…!!

न कोई फिकर

न कोई फिकर, न कोई चाह हम तो बड़े बेपरवाह है उम्र फकीराना गुजरी है हम तो ऐसे शहंसाह है|

अपनी चाहत के

अपनी चाहत के नाम कर लेना, कोई उँचा मकाम कर लेना, अगर किसी मोड़ पर मिलो मुझसे, एक प्यारा सलाम कर लेना…

कैसे कह दूं

कैसे कह दूं, कि थक गया हूं मैं….. जाने किस-किस का, हौसला हूं मै|

मत पूछ वज़ह

मत पूछ वज़ह…तु पसंद हैं बेवज़ह…

छेड़ने लगीं सहेलियां

छेड़ने लगीं सहेलियां उसकी उसको..मुजसे मिलने के बाद .. कि रंग क्यों बदला है तेरे होठों का उसको मिलने के बाद ..

लेकर आना उसे

लेकर आना उसे मेरे जनाजे में, एक आखरी हसीन मुलाकात होगी..! मेरे जिस्म में जान न हो मगर, मेरी जान तो मेरे जिस्म के पास होगी..!!

आज घोके मै है

अजीब उलजन मै हु मे दिल आज घोके मै है ओर घोकेबाज दिल मै……

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