बीती जो खुद पर

बीती जो खुद पर तो कुछ न आया समझ, मशवरे यूँ तो हम औरों को दिया करते थे

हर किसी को

हर किसी को मैं खुश रख सकूं, वो सलीका मुझे नहीं आता जो मैं नहीं हूँ, वो दिखने का तरीका मुझे नहीं आता|

आइना भी भला

आइना भी भला कब किसी को सच बता पाया है, जब भी देखो दायाँ तो बायां ही नज़र आया है…

शराफ़त आज भी है

किसी और के दीदार के लिए उठती नहीं ये आँखे, बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफ़त आज भी है|

दुनिया में कुछ

दुनिया में कुछ अच्छा रहने दो।।बच्चे को बच्चा रहने दो|

कई दिन से याद नही किया

कई दिन से याद नही किया उस ने तो क्या मुझे भी उस को भूल जाना चाहिए….?

चांदी की दीवार

चांदी की दीवार ना तोड़ी प्यार भरा दिल तोड़ दिया|

मुकाम और भी है

मुकाम और भी है दुनिया में इश्क़ के सिवा, ये राह है और तूने इसे मंज़िल समझ लिया.!!

ज़िंदगी अब नही

ज़िंदगी अब नही सवरेगी शायद, . बड़ा तजुर्बेकार था उजाड़ने वाला..!!

नज़र बन के कुछ

नज़र बन के कुछ इस क़दर मुझको लग जाओ कोई पीर की फूँक न पूजा न मन्तर काम आये…

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