मांगो तो अपने रब से मांगो , जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत , लेकिन दुनिया से हरगिज मत मांगना , क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी ..
Category: शर्म शायरी
करोडो में नीलाम
करोडो में नीलाम होते है यहाँ, एक नेता के उतारे हुए सूट । वही कचरे में फेक देते है, ‘शहीदों की वर्दी और बूट’ ।
जरूरी नहीं
आज का ज्ञान अगर कोई दस बजे उठे… तो जरूरी नहीं कि वो… ‘आलसी’ हो………. हो सकता है उसके ‘सपने’ बड़े हों…!!
तुम्हारे बगैर ये वक़्त
तुम्हारे बगैर ये वक़्त, ये दिन और ये रात जान मेरी… गुजर तो जाते हैं मगर, गुजारे नहीं जाते…
ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम
ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम…… , , मुर्दा-दिल क्या ख़ाक जिया करते हैं…. ………….
अगर तुम्हें खुशियाँ
अगर तुम्हें खुशियाँ मिलने लगें तो, तीन चीज़ मत भूलना..,..”अल्लाह को”, उसकी “मखलूक को”, और “अपनी औकात” को..!!
लोग चाहते हैं कि
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें, लेकिन ये भी सत्य है कि वो कभी नहीं चाहते कि आप उनसे बेहतर करें !!!” दूनिया का उसूल है जब तक काम है तब तक तेरा नाम है वरना दूर से ही सलाम है
अक्सर चाकू-छुरी वही खोलते है
अक्सर चाकू-छुरी वही खोलते है जो कमज़ोर होते है, वरना हम जैसों का तो सारा काम मान-सम्मान से ही हो जाता है।।
जाने कितने झूले
जाने कितने झूले थे फाँसी पर,कितनो ने गोली खाई थी…. क्यो झूठ बोलते हो साहब, कि चरखे से आजादी आई थी….
हर नज़र से उम्मीद
हर नज़र से उम्मीद मत कर ऐ दिल! प्यार से देखना किसी की आदत भी होती है॥