थक गया है गम भी अपनी कलाकारी करते करते, ऐ खुशी तु भी अपना किरदार निभा दे जरा।
Category: शर्म शायरी
लफ्जों मे जिंदगी
कीतने कम लफ्जों मे जिंदगी को बयाँ करुँ ? लो तुम्हारा नाम लेके किस्सा तमाम करुँ !!
ताकत दवाओं की
परखता रहा उम्र भर, ताकत दवाओं की, दंग रह गया देख कर, ताकत दुआओं की!!?
कमबख्त ये ज़िंदगी
जो लम्हा साथ हैं, उसे जी भर के जी लेना, कमबख्त ये ज़िंदगी, भरोसे के काबिल नहीं होती…
इन्तजार करना जानते
जो सब्र के साथ इन्तजार करना जानते हैं, उनके पास हर चीज किसी न किसी तरीके से पहुंच जाती है ।।
जिंदा दिली से चलती है..
कशिश हो तो दुनियां मिलने को मचलती है, जिन्दगी शर्तो से नहीं जिंदा दिली से चलती है..
अब चादर के नीचे
तुझे चिठ्ठीयाँ नहीं करवटों की नकल भेजेंगे.. अब चादर के नीचे .. कार्बन लगाने लगे हैं हम..
भरे बाज़ार से
भरे बाज़ार से अक्सर मैं खाली हाथ लौट आता हूँ.. पहले पैसे नहीं हुआ करते थे, अब ख्वाहिशें नहीं रहीं….
You are truly mine
I want to go to sleep at night, wake up every day, and breathe knowing you are truly mine…
मेरी नजर है
तेरे दीदार के काबिल कहाँ मेरी नजर है ……. वो तो तेरी रहमत है जो तेरा रुख इधर है ।।………