बस आखरी बार

बस आखरी बार इस तरह मिल जाना, मुझ को रख लेना या मुझ में रह जाना !!

आईना हूं तेरा

आईना हूं तेरा, क्यूं इतना कतरा रहे हो.. सच ही कहूंगा, क्यूं इतना घबरा रहे हो..

जिम्मेदारिया जब कंधो पर

जिम्मेदारिया जब कंधो पर पडती है, तो अक्सर बचपन याद आता है..

ये खामोश मिजाजी

ये खामोश मिजाजी तुम्हे जीने नहीं देगी, इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो।

आंखें भीग सी गई

आंखें भीग सी गई है लगता है आज फिर तू सोने नहीं देगी..

महंगाई का आलम

महंगाई का आलम ना पूछो दोस्तों घर क्या ले जाना है, जानबूझ के भूल जाता हूँ!!

हम मोहब्बत में

हम मोहब्बत में दरख्तों की तरह हैं… जहाँ लग जायें वहीं मुद्दतों खड़े रहते हैं…!!

स्कूल खत्म हुए तो

स्कूल खत्म हुए तो रस्ते अलग हुए फिर उसके बाद कभी हम मिले नहीं..!

जिस जिस ने मुहब्बत में

जिस जिस ने मुहब्बत में अपने महबूब को खुदा कर दिया..! . खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए उनको जुदा कर दिया..!!

एक एक कतरे से

एक एक कतरे से आग सी निकलती है हुस्न जब नहाता है भीगते महीनों में !! . नर्म नर्म कलियों का रस निचोड़ लेती हैं पत्थरों के दिल होंगे इन तितलियों के सीनों में।

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