लोगों ने कहा

लोगों ने कहा वक़्त के साथ लोग बादल जाते है .. फिर क्या था … मैंने कभी उन्हें लोगों में गिना ही नहीं …

रोज रोज गिर कर भी

रोज रोज गिर कर भी मुक्कमल खड़ा हूँ, ऐ मुश्किलों, देखो मे तुमसे कितना बड़ा हूँ…!!

शायरों की बस्ती में

शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना । गमों की महफिल भी कितने खुशी से जमती है ।।

ज़िन्दगी के हाथ

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते लेकिन, कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती है जो पूरी उम्र याद रहता है !!

जख्म गरीब का

जख्म गरीब का कभी सूख नहीं पाया, शहजादी की खरोंच पे तमाम हकीम आ गए…

ना जाने कौन सा

ना जाने कौन सा अमृत पी के पैदा हुई है…. ये मोहब्बत, मर गए कितने हीर और रांझे मगर आज तक जिन्दा है….. ये मोहब्बत .

अभी ज़रा वक़्त है

अभी ज़रा वक़्त है, उसको मुझे आज़माने दो…. वो रो रोकर पुकारेगी मुझे, बस मेरा वक़्त तो आने दो….

एक सवाल पूछती है

एक सवाल पूछती है मेरी रूह अक्सर… मैंने दिल लगाया है या ज़िंदगी दाँव पर…

ज़िंदगी हो या कुछ और..

ज़िंदगी हो या कुछ और.. संभालने का हुनर ही तो मायने रखता है !!

हमारे पाँव का कांटा

ना हमसफ़र ना किसी हमनशीं से निकलेगा, हमारे पाँव का कांटा हमीं से निकलेगा…

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