तेरा यक़ीन हूँ

तेरा यक़ीन हूँ मैं कब से इस गुमान में था, मैं ज़िंदगी के बड़े सख़्त इम्तिहान में था…..!!

यादों का हिसाब

यादों का हिसाब रख रहा हूँ, सीने में अज़ाब रख रहा हूँ……!!

तेरे होने पर

तेरे होने पर भी ये जो अकेलापन मारता है… पता नहीं, ये मेरी मुहब्बत की हार है या तेरी बेरुख़ी की जीत|

मेरे जज़्बात आँसुओं वाले

मेरे जज़्बात आँसुओं वाले,,,,, शेर सब हिचकियों से लिखता हूँ….!!

ज़रा देर बैठे थे

ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में, तेरी याद आँखें दुखाने लगी….!!

यह कैसी आग है

यह कैसी आग है जिसमें जल रहें है हम, जलते ही जा रहे, जले से राख बनते नहीं हम…!!

पैसों के लिये

पैसों के लिये नाता तोड़ने वाले पैसा छुपाने के लिये रिश्तेदार ढूँढ रहे है।

मकसद पहचान लेते है

शहद जुबा के मकसद पहचान लेते है , गैरजरूरी तवज्जो की वजह जान लेते है । हमे मासूम , बेखबर , नादां समझते है वो , और हम रिश्तों को “बंदगी”

पैसों के लिये

पैसों के लिये नाता तोड़ने वाले पैसा छुपाने के लिये रिश्तेदार ढूँढ रहे है |

जब बिखरेगा तेरे गालों पर

जब बिखरेगा तेरे गालों पर तेरी आँखों का पानी,तब तुझे अहेसास होगा की मोहब्बत किसे कहते है !!

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