अपनी तन्हाईयों को

अपनी तन्हाईयों को मैं यूँ दूर कर लेता हूँ, अपनी परछाइयों से ही गुफ्तगू कर लेता हूँ। इस भीड़ में किससे करूँ मैं दिल की बात अपने मन के अंदर ही कस्तूरी ढूँढ लेता हूँ। तेरी तकदीर से क्योंकर भला मैं रशक करूँ अपने हाथों में भी कुछ लकीरें उकेर लेता हूँ। हाथ आ जाती… Continue reading अपनी तन्हाईयों को

खामोशियाँ उदासियों से

खामोशियाँ उदासियों से नहीं, बल्कि यादों की वजह से हुआ करती है …

मिलना तो खैर उसको

मिलना तो खैर उसको नसीबों की बात है, देखे हुये भी उसको…..ज़माना गुज़र गया.!!

बहुत खूबसूरत हो

बहुत खूबसूरत हो तुम बिल्कुल किसी धोखे की तरह !!

मेरी हर आह को

मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ.. कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है..

गुफ्तगू देर से

गुफ्तगू देर से जारी है किसी नतीजे के बगैर… बस उसके गुस्से से लगता है कि उसे प्यार बहुत है…

कहा सिर्फ उस ने

कहा सिर्फ उस ने इतना के ख़ामोशी है मुझे बहुत पसंद इतना सुनना था के हम ने अपनी धडकनें भी रोक ली|

हर वक़्त ख्याल

हर वक़्त ख्याल उसका ऐ दिल, क्या मैं तेरा कुछ भी नहीं लगता..

तेरे बाद किसी को

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने, हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही…!

मोहब्बत है गज़ब

मोहब्बत है गज़ब उसकी शरारत भी निराली है, बड़ी शिद्दत से वो सब कुछ निभाती है अकेले में…

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