महफ़िल भले ही प्यार वालों की हो… उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ शराबी ही लाता हैं…
Category: बेवफा शायरी
मोहबत करो उस रब से
मोहबत करो उस रब से फरेब की जरूरत नही पड़ेगी माफ़ करेगा लाखो गुनाह कहने की जरूरत नही पड़ेगी|
कोई इल्जाम रह गया
कोई इल्जाम रह गया हो तो वो भी दे दो.. पहले भी हम बुरे थे, अब थोड़े और सही…!!
यादों की चिलमन
यादों की चिलमन बनाके यादों को दरकिनार किया फिर याद-ए-मोमिन लिए, यादों को ला’-तज़ार किया ।।
पास आकर सभी
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं; अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते हैं; इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे; मल्हम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं!
मुफलिस सियासत की
हंसकर सह जाते हैं हालात के दर्दों-सितम, हम जैसे मुफलिस सियासत की महेर बानी पर नहीं टिक ते..
समन्दर से सीखी है
मैने समन्दर से सीखी है पानी की पर्दादारी, उपर से हँसते रहना और गहराईयों मे रो लेना।
प्यास बेहद है
मेरा प्यास बेहद है साक़ी अगर शराब नहीं है तो जहर ही दे दे |
मौत की अफवाह
आता है कौन कौन मेरा गम को बाटने, मोहसिन तू मेरी मौत की अफवाह उडा के देख …..!!
कितना ही मुश्किल
किसी की आस बनकर फिर उसे तन्हा नहीं करते, भले कितना ही मुश्किल हो, सफर छोङा नहीं करता..