बस के कंडक्टर सी हो गयी है जिंदगी । सफ़र भी रोज़ का है और जाना भी कही नहीं।…..
Category: प्रेरणास्पद कविता
वो अनजान चला है
वो अनजान चला है ईश्वर को पाने की खातिर.. बेख़बर को इत्तला कर दो की माँ-बाप घर पर ही है……….
परेशान देखता हूँ आजकल
देखता हूँ आजकल चहेरे -चहेरे पर मैं एक , थकान देखता हूँ आजकल , जिसको देखो उसको, परेशान देखता हूँ आजकल ।। . परिंदों को नोचते हुये,आसमान देखता हूँ आजकल , कश्तियों से लड़ते हुये , तूफान देखता हूँ आजकल ।। . सरहद के इस पार , उस पार , जब से तनाव बढ़ा ,… Continue reading परेशान देखता हूँ आजकल
MOTHER का M ही
MOTHER का ‘M’ ही महत्वपूर्ण है । क्योंकि ‘M’ के बिना बाकी सब OTHER है ।
यूँ तो शिकायतें
यूँ तो शिकायतें तुझसे सैंकड़ों हैं मगर, तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये…
बहोत कुछ छूट
बहोत कुछ छूट जाता है… “कुछ” पूरा करने में…
झूठ, लालच और फरेब
झूठ, लालच और फरेब से परे है, खुदा का शुक्र है आयने आज भी खरे है.”
जब वक़्त करवट लेता हैं
जब वक़्त करवट लेता हैं ना, दोस्तों…!! …तो बाजियाँ नहीं, जिंदगियाँ पलट जाती है..!
ऑनलाइन खरीदी रोके
ऑनलाइन खरीदी रोके परिवार के साथ बहार निकले बाजार में रौनक होगी। और पैसा बाहर नहीं जायेगा भारत में रहेगा मरते बाजार को जीवन दान दे।
जिंदगी तो अपने ही तरीके से
जिंदगी तो अपने ही तरीके से चलती है…. औरों के सहारे तो जनाज़े उठा करते हैं। सुबहे होती है , शाम होती है उम्र यू ही तमाम होती है । कोई रो कर दिल बहलाता है और कोई हँस कर दर्द छुपाता है. क्या करामात है कुदरत की, ज़िंदा इंसान पानी में डूब जाता है… Continue reading जिंदगी तो अपने ही तरीके से