हर कोई तेरे आशियाने का पता

हर कोई तेरे आशियाने का पता पूछता है, न जाने किस किस से वफा के वादे किये है तूने !!

चल ना यार हम फिर से

चल ना यार हम फिर से मिट्टी से खेलते है,हमारी उम्र क्या थी जो मोहब्बत से खेल बैठे !!

हमको टालने का शायद

हमको टालने का शायद तुमको सलीका आ गया हे.बात तो करते हो लेकिन अब तुम अपने नही लगते !!!

बहुत रोये वो

बहुत रोये वो हमारे पास आके जब एहसास हुआ अपनी गलती का,चुप तो करा देते हम, अगर चहरे पे हमारे कफन ना होता.

वो लाख बेवफा सही

वो लाख बेवफा सही पर ये बात सच हैं..यारो,में आज जो भी मोहब्बत सीखा हूँ वो बस उसकी मेहरबानीया है..

समझदार ही करते है

समझदार ही करते है अक्सर गलतिया, कभी देखा है किसी पागल को मोहब्बत करते..!!

पोंछ लो अपने बहते हुए

पोंछ लो अपने बहते हुए आँसुओ को ऐ दोस्त..भला कौन रहना पँसद करता है, टपकते हुए मकानो मे.!!

ना थी मेरी तमन्ना

ना थी मेरी तमन्ना कभी तेरे बगैर रहने की लेकिन, मज़बूर को, मज़बूर की, मज़बूरियां, मज़बूर कर देती हैं…।।

तारीफ़ अपने आप की

तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है….! ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, की वो कौन सा फ़ूल है……!!

मुसीबतों से निखरती हैं

मुसीबतों से निखरती हैं शख्सियतें यारों……. जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का…….

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