तुम मिल जाओ…

तुम मिल जाओ…..निजात मिल जाये, रोज़ जीने से……………..रोज़ मरने से..!!

काश महोब्बत् मे

काश महोब्बत् मे चुनाव होते, गजब का भाषण देते तुम्हे पाने के लिये

मंजिल पर पहुंचकर

मंजिल पर पहुंचकर लिखूंगा मैं इन रास्तों की मुश्किलों का जिक्र, अभी तो बस आगे बढ़ने से ही फुरसत नही..

सच्चाई के आईने

सच्चाई के आईने, काले हो गये। बुजदिलो के घर मेँ, उजाले हो गये॥ झुठ बाजार मेँ, बेखौफ बिकता रहा। मैने सच कहा तो, जान के लाले हो गये॥…… लहू बेच-बेच कर, जिसने परिवार को पाला । वो भुखा सो गया, जब बच्चे कमानेवाले हो गये।

घर के चूल्हे को

घर के चूल्हे को भरम है कि वो पालता है हमे…!! प्यार तो माँ की हथेली से चुराती है रोटियाँ…….!

सोच समझकर बर्बाद करना

सोच समझकर बर्बाद करना मुझे, बहुत प्यार से पाला है मेरी माँ ने मुझे !!

क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा

क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा, अपनी ज़िंदगी मेरे लिए बेकार करेगा, हम कौन सा किसी के लिए ख़ास है, क्या सोच कर कोई हमें याद करेगा !!

वो लम्हा ज़िन्दगी

वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा अनमोल होता है जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा माहौल होता है |

मत दो मुझे खैरात

मत दो मुझे खैरात उजालों की… … आज तक उस थकान से दुख रहा है बदन, … पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है ये बात तुम भी कभी न भूलना…

नफरत करनी है

नफरत करनी है तो इस कदर करो की इसके बाद हम मुहबत के काबिल न रहे|

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