सच्चाई के आईने, काले हो गये।
बुजदिलो के घर मेँ, उजाले हो गये॥
झुठ बाजार मेँ, बेखौफ बिकता रहा।
मैने सच कहा तो, जान के लाले हो गये॥……
लहू बेच-बेच कर, जिसने परिवार को पाला ।
वो भुखा सो गया, जब बच्चे कमानेवाले हो गये।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सच्चाई के आईने, काले हो गये।
बुजदिलो के घर मेँ, उजाले हो गये॥
झुठ बाजार मेँ, बेखौफ बिकता रहा।
मैने सच कहा तो, जान के लाले हो गये॥……
लहू बेच-बेच कर, जिसने परिवार को पाला ।
वो भुखा सो गया, जब बच्चे कमानेवाले हो गये।