आसमां पे ठिकाने किसी के नहीं होते, जो ज़मीं के नहीं होते, वो कहीं के नहीं होते..!! ये बुलंदियाँ किस काम की दोस्तों… की इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें….
Category: दर्द शायरी
अजीब है ये
अजीब है ये नींदों का आना भी.. कभी मिन्नतें..कभी जबरदस्तियां..!!
जो बनाई है
जो बनाई है तिरे काजल से तस्वीरे-मुहब्बत, अभी तो प्यार के रंग से सजाया ही कहाँ है..!
इस नई उम्र में
इस नई उम्र में प्यार से हारकर ज़िन्दगी इक अजाना सा डर हो गई! एक व्यापार था इक लड़ाई सी थी प्यार में प्यार का एक पल भी न था प्रीत का जीतना एक कहानी ही है हारने के सिवा कोई हल भी न था जो बचा न सकी अपने किरदार भी वो कथा ही… Continue reading इस नई उम्र में
इतना भी दर्द ना दे
इतना भी दर्द ना दे ऐ ज़िन्दगी ….. भरोसा ही किया था.. कोई कत्ल तो नही ..
तुम हर तरह से
तुम हर तरह से मेरे लिए ख़ास हो,शुक्रिया वो बनने के लिए जो तुम हो…
आख़िरी उम्र में
आख़िरी उम्र में कैसे मैं ग़मों को छोडूँ.. यह मेरे साथ रहें हैं सगे भाई की तरह !
अच्छे विचारों से
सफलता हमेशा अच्छे विचारों से आती हैं और अच्छे विचार अच्छे लोगों के सम्पर्क से आते हैं मुझे गर्व है कि मैं आपके सम्पर्क में हूँ….
इश्क़ बुझ चुका है
इश्क़ बुझ चुका है, क्यूंकि हम ज़ल चुके हैं|
आपने नज़र से नज़र
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी, हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी, जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके, पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी.