आईना देख के, हैरत में न पड़िये साहब; . . . . आप में कुछ नहीं, शीशे में बुराई होगी!
Category: गुस्ताखियां शायरी
हिसाब करने बैठ जाते है..
घड़ी घड़ी वो हिसाब करने बैठ जाते है… . . जबकि उनको पता है, जो भी हुआ, बेहिसाब हुआ है..
खूब हूँ वाकिफ दुनिया से
खूब हूँ वाकिफ दुनिया से, बस खुद से अनजान हूँ..
कितना किराया लोगे
कितना किराया लोगे ऐ किराए के कातिलों, मुझे इश्क का सर कलम चाहिए…!!!
किसी ने रख दिए
किसी ने रख दिए ममता भरे दो हाथ…क्या सर पर, मेरे अन्दर कोई बच्चा…….बिलख कर रोने लगता है.!!
काफ़िला गुजर गया
काफ़िला गुजर गया जख्म देकर । रास्ता उदास है अब मेरी तरह ।।
जाते जाते अपने साथ..
जाते जाते अपने साथ.. ..अपनी खुशबुए भी ले जाते.. । ..अब जो हवा भी चलती है.. ..तो लगता है तुम आये हो.. ।।
मंज़िलें मुझे छोङ गई हैं
मंज़िलें मुझे छोङ गई हैं । रास्तों ने संभाल लिया है ।। जा ज़िदगी तेरी जरूरत नही । मुझे हादसो ने पाल लिया है ।।
सिलवटों से भरी है
सिलवटों से भरी है तमाम रूह उसकी एक शिकन भी नहीं है लिबास में जिसके..
जिनके पास इरादे होते है
जिनके पास इरादे होते है ना।। उनके पास बहाने नही होते।।