आवाज को नहीं

आवाज को नहीं , अपने अलफ़ाज़ को ले जाओ बुलंदी पर ।।। बादलों की गरज नहीं , बारिश की बौछार फूल खिलाती है ।।।

मंजिल पाना तो बहुत दूर की बात है

मंजिल पाना तो बहुत दूर की बात है.. गुरुर में रहोगे तो रास्ते भी न देख पाओगे…

जो रूप आपको अच्छा लगे वो अपना लें

जो रूप आपको अच्छा लगे वो अपना लें… हमारी शख्सियत कांटा भी है, गुलाब भी है |

हम ईंट-ईंट को दौलत से लाल कर देते

हम ईंट-ईंट को दौलत से लाल कर देते, अगर ज़मीर की चिड़िया हलाल कर देते।

जनाब मत पूछिये

जनाब मत पूछिये हद हमारी गुस्ताकियो की… हम आईना जमी पर रखकर आसंमा कुचल देते है

लड़ता आया हूँ

बस यही सोच कर हर मुश्किलो से लड़ता आया हूँ.. धूप कितनी भी तेज़ हो समन्दर नहीं सूखा करते..!!!

बसेरा है तेरे शहर मेँ

अजीब लोगोँ का बसेरा है तेरे शहर मेँ, गुरूर मेँ मिट जाते हैँ मगर याद नहीँ करते…

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