सर झुका के बोलें

पूछा हाल शहर का तो सर झुका के बोलें,,,, लोग तो जिंदा हैं जमीरों का पता नहीं.!!

वक्त इंसान पे

वक्त इंसान पे ऐसा भी कभी आता है राह में छोड़ के साया भी चला जाता है|

खेत सूखे सूखे से थे

जिसके खेत सूखे सूखे से थे.. पानी,उसी की आँखों में नजर आया….!!!

फ़न तलाशे है

फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग देख फीका न पड़े आज मुलाक़ात का रंग|

ऐसा तराशा है

तकलीफों ने ऐसा तराशा है मुझको… हर गम के बाद ज्यादा चमकता हूँ..

बड़ी मुश्किलों के बाद

बड़ी मुश्किलों के बाद पत्थर बना हूँ, मैं जीना चाहता हूँ यारो मुझे मोम न करो…

खो देने से डरते है!

किसको, पाने की तलब है यहां; हम तो बस, तुझे खो देने से डरते है!

तुम करो कोशिशें

तुम करो कोशिशें मुझसे नफरत करने की मेरी तो हर एक सांस से तेरे लिए दुआ ही निकलेगी…!!

प्यार का रिश्ता भी

प्यार का रिश्ता भी कितना अजीब होता है। मिल जाये तो बातें लंबी और बिछड़ जायें तो यादें लंबी।

हमारी नियत का पता

हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब…. हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी….

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