गगन तेरे लिए हूं मैं जमी मेरे लिए है तू। हकीकत और ख्वाबों में ख़ुशी मेरे लिए है तू। जमाना बेरहम है पर हकीकत जान ले ये भी, बना तेरे लिए हूं मैं बनी मेरे लिए है तू।
Category: हिंदी शायरी
बंधी है हाथ पे
बंधी है हाथ पे सब के घड़ियाँ मगर, पकड़ में एक भी लम्हा नहीं..
उसे देखता ही
वो शायद किसी महंगे खिलौने सी थी… मैं बेबस बच्चे सा उसे देखता ही रह गया…
मौसम का इशारा है
मौसम का इशारा है खुश रहने दो बच्चों को मासूम मोहब्बत है फूलों कि खताओं में…
घरों पे नाम थे
घरों पे नाम थे नामों के साथ औहदे थे बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला।
प्यार आज भी
प्यार आज भी तुझसे उतना ही है.. बस तुझे “एहसास” नही और हमने भी जताना छोड दिया…
वो अफसाना जिसे
वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन, उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा……
कल बहस छिड़ी थी
कल बहस छिड़ी थी मयखाने में जाम कौन सा बेहतरीन है, हमने तेरे होंठों का ज़िक्र किया और बहस ख़त्म हो गयी…
मत किया कर
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी..!!जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगे…!!
जमा कर खुद के पाँवों को
जमा कर खुद के पाँवों को चुनौती देनी पड़ती है कोई बैसाखियों के दम पे अंगद हो नहीं सकता ….