ए ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को सलाम, पता है कि मंज़िल मौत है, फिर भी दौड़ रही है…!
Category: शर्म शायरी
देश का माहौल
देश का माहौल इतना बिगड़ गया है कि आमिर खान, शाहरूख खान को तो छोड़ीये ।। अब तो स्वयं मोदी जी भी देश मे नही रहते.
भारत
तूने कहा,सुना हमने अब मन टटोलकर सुन ले तू, सुन ओ आमीर खान,अब कान खोलकर सुन ले तू,” तुमको शायद इस हरकत पे शरम नहीं आने की, तुमने हिम्मत कैसे की जोखिम में हमें बताने की शस्य श्यामला इस धरती के जैसा जग में और नहीं भारत माता की गोदी से प्यारा कोई ठौर नहीं… Continue reading भारत
उस ने एक
उस ने एक ही बार कहा “दोस्त हू ” फिर मैने कभी नही कहा “व्यस्त हू ” !!!
कसा हुआ हैं
कसा हुआ हैं तीर हुस्न का ज़रा संभलके रहियेगा, नज़र नज़र को मारेगी तो क़ातिल हमें ना कहियेगा…….
दिन काटना है
किसी के पास कुल्हाड़ी है क्या ? दिन काटना है ….
चढ़ती रहें चादरें
इस बार की सर्दियों में ऐसा न होने पाए … चढ़ती रहें चादरें मज़ार पर और बाहर बैठा फ़क़ीर ठंड से मर जाए …!!
जिंदगी के रूप में
जिंदगी के रूप में दो घूंट मिले, इक तेरे इश्क का पी चुके हैं..दुसरा तेरी जुदाई का पी रहे हैं !!!!
आ ज़ा फिर से
आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में….कुछ बात करते हैं…. कल जहाँ खत्म हुई थी…वहीं से शुरुवात करते हैं…!!
अकड़ती जा रही हैं
अकड़ती जा रही हैं हर रोज गर्दन की नसें, आज तक नहीं आया हुनर सर झुकाने का .