रिश्तों में गर्माहट बरकरार रखिए, मौसम तो अभी और सर्द होगा..!!
Category: शर्म शायरी
हकीकत से बहुत
हकीकत से बहुत दूर है ख्वाहिश मेरी… फिर भी एक ख्वाहिश है,कि एक ख्वाब मेरा हकीकत हो जाए
मुस्कुराहटें झूठी भी
मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करती हैं, यारों, इंसान को देखना नहीं बस समझना सीखो…
कभी तो सोच
कभी तो सोच कि वो श़ख्स कितना था बुलंद,जो बिछ गया तेरे कदमों मे आसमान की तरह…
यदि सफलता एक
यदि सफलता एक सुन्दर पुष्प है तो विनम्रता उसकी सुगन्ध। जिंदगी में जो चाहो हासिल कर लो, बस इतना ख्याल रखना कि, आपकी मंजिल का रास्ता, लोगो के दिलों को तोड़ता हुआ न गुजरे “अच्छी सोच” “अच्छा विचार” “अच्छी भावना” मन को हल्का करता है!
जिस समय हम
जिस समय हम किसी का ‘अपमान ‘ कर रहे होते हैं, दरअसल, उस समय हम अपना ‘सम्मान’ खो रहे होते है…
हमारा हक तो
हमारा हक तो नही है फिर भी हम तुमसे कहते हैं, हमारी जिँदगी ले लो मगर उदास मत रहा करो..
वक़्त लगा था
वक़्त लगा था..पर संभल गया… क्यों कि…. मैं ठोकरों से गिरा था किसी की नज़रों से नहीं…!!
ऐ खुदा इश्क़
ऐ खुदा इश्क़ में दोनों को मुकम्मल कर दे उसे दीवाना बना दे….. मुझे पागल कर दे
जिदंगी में कभी
जिदंगी में कभी किसी बुरे दिन से रूबरू हो जाओ, तो इतना हौंसला जरुर रखना की दिन बुरा था जिंदगी नहीं…!!!