करनी है खुदा से गुजारिश तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले, हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा या फिर कभी जिंदगी न मिले।
Category: वक़्त शायरी
ज़मीं पर वो
ज़मीं पर वो मेरा नाम लिखते है और मिटाते है… उनका तो टाइम पास हो जाता है कमबख्त मिटटी में हम मिल जाते है
ज़ालिम ने फ़रमाया
जलती हुई cigarate को देख कर ज़ालिम ने फ़रमाया , दिल को जलाती हे पर होठो तक तो आती हे….
लोग वाह वाह करें
ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो…. आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें..
अजीब चीज बनायीं
मोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने,तेरे ही मंदिर में, तेरी ही मस्जिद में, तेरे ही बंदे, तेरे ही सामने रोते हैं, तुझे नहीं,किसी और को पाने के लिए!
आँखों में नज़र
उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को; अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा।
बेक़सूर कौन होता
बेक़सूर कौन होता हैं इस ज़माने में बस सबके गुनाह पता नहीं चलते।।
तुम मुझे भूल जाओ
तुम मुझे भूल जाओ ..ये तुम्हारी मर्जी .. “लेकिन” मैं क्या करूँ .. मुझे तो भूलना भी नहीं आता !
सबका होता गया
किस्मत बुरी या मै बुरा फैसला हो ना सका ! मै सबका होता गया कोई मेरा हो ना सका !!
आदते बुरी नही
आदते बुरी नही हमारी बस थोडे शौक उँचे है वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही, की हम देखे और वो पूरा ना हो हम बादशाहो के बादशाह है, इसलीए गुलामो जैसी हरकते नही, नोटो पर फोटो हमारा भी हो सकता, पर लोगो की जेब मे रहना हमारी फीतरत नही