कभी जी भर के बरसना… कभी बूंद बूंद के लिए तरसना… ऐ बारिश तेरी आदतें मेरे यार जैसी है…!!
Category: वक़्त शायरी
ना ढूंढ मेरा किरदार
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में… वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है ।
इंतज़ार की आरज़ू
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है, खामोशियो की आदत हो गयी है, न शिकवा रहा न शिकायत किसी से, अगर है… तो एक मोहब्बत, जो इन तन्हाइयों से हो गई है ।
रोशनी बहुत दूर तक
रोशनी बहुत दूर तक जाएगी मेरी, शर्त ये है कि सलीक़े से जलाओ मुझको……
गिरा ना पाओगे
गिरा ना पाओगे लाख चाहकर भी मेरी शख्सियत को, मेरा कारवां मेरे चाहने वालों से चलता हैं न की नफरत करने वालों से…!!!
मत तरसा किसी को
मत तरसा किसी को इतना,अपनी मोहब्बत के लिये.. क्या पता तेरी ही मोहब्बत पाने के लिए, जी रहा हो कोई….
हम भी मुस्कुराते थे
हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में…..
इश्क कौन सा जरूरी है..
तेरी खामोशी अगर तेरी मजबुरी है… तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है..
हम भी मोहब्बत करते हैं…
हम भी मोहब्बत करते हैं… पर बोलते नही क्योकि रिश्ते निभाते है….तौलते नही….
तेरी मौहब्बत के कर्ज का
तेरी मौहब्बत के कर्ज का,अब कैसे हिसाब हो…. तू गले लगाकर कहती है,आप बड़े खराब हो…