कितना मेहरबान था

वो कितना मेहरबान था,कि हजारों गम दे गया यारों, हम कितने खुदगर्ज निकले,कि कुछ ना दे सके, मोहब्बत के सिवा….

इज़ाज़त हो तो

इज़ाज़त हो तो मांग लूँ तुम्हें, सुना है तक़दीर लिखी जा रही है….

हर पतंग जानती हे

हर पतंग जानती हे,अंत में कचरे मे जाना हे । लेकिन उसके पहले हमे, आसमान छूकर दिखाना हे ।

इंसान थक जाए

ज़रूरी नहीं कि काम से ही इंसान थक जाए,फ़िक्र,धोखे, फरेबभी थका देते है।

बहुत लोग यहाँ

आईना ख़ुद को समझते है बहुत लोग यहाँ ….. आईना कौन है उनको दिखाने वाला..

कामयाब लोग

कामयाब लोग ” अपने फेसले ” से दुनिया बदल देते हे !! और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से “अपने फेसले ” बदल लेते हे !!

इंतजार कर रहा हूँ

थोडा उत्सुक हूँ ,थोडा डर रहा हूँ । तेरे आने का इंतजार कर रहा हूँ । उछाल कर के सिक्का ख्वाबों का । मैं अपनी किस्मत को पढ रहा हूँ ।

उलझा हुआ हूँ

उलझा हुआ हूँ अभी तक उसकी बातों में, लफ्ज उसके बहुत घुँघराले है….!!!

लफ्ज़ो से तरावट

लफ्ज़ो से तरावट जा नही सकती, लहज़े में बनावट आ नही सकती, ये सिला है माँ बाँप की दुआओ का “साहिल”, तेरे कामों में कभी रुकावट आ नही सकती ।।

मेरी आँखों के जादु

मेरी आँखों के जादु से अभी तुम कहा वाकिफ हो , हम उसे भी जीना सिखा देते हैं जिसे मरने का शौक हो ।

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