मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना, अच्छा नही इतना बड़ा हो जाना..!!
Category: व्यंग्य
दिल में छुपा रखी है
दिल में छुपा रखी है मोहब्बत काले धन की तरह, … खोला नहीं करता हूँ, कहीं हंगामा ना हो जाये ।
मुकम्मल हसरतों के
हज़ारो ना-मुकम्मल हसरतों के बोझ तले, ऐ दिल तेरी हिम्मत है, जो तू धड़कता है |
हर बात पे
जरुरी नही हर बात पे तुम कहा मनो, देहलीज़ पे रख दी है चाहत आगे तुम जानो
मेरी मोहब्बत तो
मेरी मोहब्बत तो मुकम्मल थी जो चार दिन मिला प्यार तेरा तेरे जिस्म की चाहत तो थी ही नहीं, तेरे अलगाव को कैसे मैं बेवफाई कह दूं
इतना ही बता दो
मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो…….. दिल बैचैन हैं बहुत, कहीं तुम उदास तो नहीं
सजा यह मिली
सजा यह मिली की आँखों से नींद छीन ली उसने, जुर्म ये था की उसके साथ रहने का ख्वाब देखा था |
दिल के साथ
कल शाम दिल के साथ बुझ इस तरह चराग़ यादों के सिलसिले भी उजाला न कर सके
हमारे लिए भी
जो छत हमारे लिए भी यहाँ दिला पाए हमें भी ऐसा कोई संविधान दीजिएगा
काश तुम मेरे होते
काश तुम मेरे होते सांस ही थम जाती अगर ये अल्फाज तेरे होते