लफ्ज़ो से तरावट

लफ्ज़ो से तरावट जा नही सकती,

लहज़े में बनावट आ नही सकती, ये सिला है माँ बाँप की दुआओ का

“साहिल”,
तेरे कामों में कभी रुकावट आ नही सकती ।।

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