फिर कभी नहीं हो सकती मुहब्बत सुना तुमने वो शख्स भी एक था और मेरा दिल भी एक ।
Category: व्यंग्य शायरी
इतनी मतलबी हो गई हैं
इतनी मतलबी हो गई हैं आँखें मेरी, कि तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नहीं लगती..!!!
हिचकियों से एक बात का
हिचकियों से एक बात का पता चलता है कि कोई हमें याद तो करता है, बात न करे तो क्या हुआ कोई आज भी हम पर कुछ लम्हें बरबाद तो करता है…
तुझसे हर कदम पर
ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता करूँ, शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं।
जीने के आरजू में
जीने के आरजू में मरे जा रहे है लोग, मरने के आरजू में जिया जा रहा हु में.
यूँ ही वो दे रहा है
यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि धमकियाँ, हम कौन सा ज़िंदा हैं जो मर जाएंगे…
मैने रंग दिया
मैने रंग दिया हर पन्ना तेरे नाम से …. मेरी किताबो से पूछ इश्क किसे कहते है …..
जिंदगी अब नहीं
जिंदगी अब नहीं संवरेगी शायद.. तजुर्बेकार था.. उजाड़ने वाला…
आराम से तनहा कट रही थी
आराम से तनहा कट रही थी तो अच्छी थी.. जिंदगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी ।
झूठ बोलना अच्छा है…
झूठ बोलना अच्छा है… यह बात कल मुझे सच ने रोकर बताई….