हस के चल दूँ मैं कांच के टुकडो परअगर दोस्त कह दे की ये तो मेरे बिछाए हुए फूल हैं…
Category: लव शायरी
कुछ लोग आए थे
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये
कुछ देर तो हँस लेने दो
कुछ देर तो हँस लेने दो मुझे… हर पल कहाँ उसे मैं भूल पाता हूँ..!!
छोड दी हमने
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना… जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मे क्या मांगना….
ना लफ़्ज़ों का
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती हैं, मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले…
ये दुनियावाले भी
ये दुनियावाले भी अजीब होते है दर्द आँखो से निकले तो कायर कहते है और बातों से निकले तो शायर कहते है
हम इतने मतलबी नहीं
हम इतने मतलबी नहीं की तुझे धोका दे..!! बस्स हमें समझना तेरे बस की बात नहीं….!!!
जरूरत और चाहत में
जरूरत और चाहत में बहुत फ़र्क है… कमबख्त़…. इसमे तालमेल बिठाते बिठाते ज़िन्दगी गुज़र जाती है !!
बुलंदी तक पहुंचना
बुलंदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी… पर गलत राहो से होकर जाऊ.. इतनी जल्दी भी नही..!!
अब ये न पूछना की . .
अब ये न पूछना की . . ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपना हाल सुनाता हूँ