आग लगाना मेरी

आग लगाना मेरी फ़ितरत में नहीं.., पर लोग मेरी सादगी से ही जल जाये… उस में मेरा क्या क़सूर…!!

पता नही होश मे हूँ….

पता नही होश मे हूँ….. या बेहोश हूँ मैं….. पर बहूत सोच ……. समझकर खामोश हूँ मैं.

तुझे तो मिल गये

तुझे तो मिल गये जीवन मे कई नये साथी, लेकिन…..मुझे हर मोड़ पऱ तेरी कमी अब भी महसूस होती है….!!

वो फूल हूँ

वो फूल हूँ जो अपने चमन में न रहा, वो लफ्ज़ हूँ जो शेरों सुख़न में न रहा, कल पलकों पे बिठाया, नज़र से गिराया आज, जैसे वो नोट हूँ जो चलन में न रहा।

जो दिल की गिरफ्त में

जो दिल की गिरफ्त में हो जाता है, मासूक के रहमों-करम पर हो जाता है, किसी और की बात रास नहीं आती, दिल कुछ ऐसा कम्बख्त हो जाता है, मानता है बस दलीले उनकी, ये कुछ यूँ बद हवास हो जाता है, यार के दीदार में ऐसा मशगूल रहता है, कि अपनी खैरियत भूल कर… Continue reading जो दिल की गिरफ्त में

छलका तो था

छलका तो था कुछ इन आँखों से उस रोज़..!! कुछ प्यार के कतऱे थे..कुछ दर्द़ के लम्हें थे….!!!!

जिसे शिद्दत से चाहो

जिसे शिद्दत से चाहो , वो मुद्दत से मिलता है , बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत सै चाहने वाला |

चुना था बाग से

चुना था बाग से सब से हसीं फूल समझ कर तुझे…. मालूम न था तेरा खरीदार कोई और होगा|

हजारो ने दिल हारे है

हजारो ने दिल हारे है तेरी सुरत देखकर, कौन कहता है तस्वीर जूआँ नही खेलती.

जिन्दगी ने दिया सब कुछ

जिन्दगी ने दिया सब कुछ पर वफा ना दी जख्म दिये सब ने पर किसी ने दवा ना दी हमने तो सब को अपना माना पर किसी ने हमे अपनो में जगह ना दी|

Exit mobile version