गरीब तो रोज ही

गरीब तो रोज ही कल की चिंता में सोता है ! आज अमीरो की बारी है !

छोड़ दिया सबको

छोड़ दिया सबको बिना वजह तंग करना, जब कोई अपना समझता ही नहीं तो उसे अपनी याद क्या दिलाना !!

डूब कर सूरज ने

डूब कर सूरज ने मुझे और भी तनहा कर दिया । मेरा साया भी अलग हो गया मेरे अपनों की तरह

छोड़ देते है

छोड़ देते है लोग रिश्तें बनाकर…. जो कभी ना छूटे वो साथ हूँ मैं|

दूर – दूर भगते फिरें

दूर – दूर भगते फिरें, जो हैं ख़ासम – ख़ास। सभी व्यंजनों की हुई, गायब आज मिठास।।

दर्द बहुत वफ़ादार होता है

दर्द बहुत वफ़ादार होता है… काश इसे देने वाले में भी ये बात होती…

क्या बताएँ अपनी

क्या बताएँ अपनी दास्ताँ तुम्हें छोड़ो बात एक दिन पुरानी है…. ज़िस्म के एक हिस्से में दर्द बेझिल और आँख में पानी है|

ये एक ऐसी ख़्वाहिश

ये एक ऐसी ख़्वाहिश जो मिटती ही नही हौले से छुआ था कल रात तुझे ख्वाबों में जी भर के तुझे देख लिया इतने करीब थे तुम फिर भी नज़र है कि तुझसे हटती नही|

लिख के उसे

लिख के उसे मिटाने की बुरी आदत है कि, इसी वजह से मैं उसके तकदीर में आते-आते रह गया।

नुमाइश करने से

नुमाइश करने से मोहब्बत बढ़ नही जाती… मोहब्बत वो भी करते है जो इज़हार तक नही करते…

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