बहुत तड़पा हूं

बहुत तड़पा हूं खुदाया… तेरे इक बन्दे के पीछे

ज़िन्दगी तस्वीर भी है

ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी! फर्क तो रंगों का है! मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर; और अनजाने रंगों से बने तो तकदीर!!

या तो हमें मुकम्मल

या तो हमें मुकम्मल, चालाकियां सिखाई जाएं; नहीं तो मासूमों की, अलग बस्तियां बसाई जाएं!

उसने फिर मेरा हाल पूछा है…

उसने फिर मेरा हाल पूछा है… कितना मुश्किल सवाल पूछा है॥

ना ढूंढ मेरा किरदार

ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में… वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है ।

रोशनी बहुत दूर तक

रोशनी बहुत दूर तक जाएगी मेरी, शर्त ये है कि सलीक़े से जलाओ मुझको……

हम भी मुस्कुराते थे

हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में…..

हम भी मोहब्बत करते हैं…

हम भी मोहब्बत करते हैं… पर बोलते नही क्योकि रिश्ते निभाते है….तौलते नही….

कभी बेपनाह बरसी

कभी बेपनाह बरसी, तो कभी गुम सी हैं… ये बारिशें भी कुछ कुछ तुम सी हैं…

दो आँखो में…

दो आँखो में…दो ही आँसू.. एक तेरे लिए, एक तेरी खातिर..!!

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