दर्द जब मीठा लगने लगे तो, समझ जाइये की आपने जीना सीख लिया !
Category: दर्द शायरी
तेरी यादो को
तेरी यादो को पसन्द आ गई है मेरी आँखों की नमी, हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी कमी..
मैंने जब जब तुझे
मैंने जब जब तुझे समझना चाहा…. खुद को नासमझ ही बेहतर पाया….!
कभी आप पूछ लेना
कभी आप पूछ लेना, कभी हम भी ज़िक्र कर लेगें, छुपाकर दिल के दर्द को, एक दूसरे की फ़िक्र कर लेंगे।।
तारे तो टुटा ही करतें है
तारे तो टुटा ही करतें है रोज़, दुआ किया करो कि “मोहब्बत” में दिल ना टुटा करे किसी का..
बेनाम आरजू की वजह
बेनाम आरजू की वजह ना पूछिये, कोई अजनबी था रूह का दर्द बन गया…
क्या कशिश थी
क्या कशिश थी उस की आँखों में.. मत पूछो. मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये…
मैं ख़ामोशी तेरे मन की
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा.. मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा |
मेरी खासियत को
मेरी खासियत को जान कर चाहा तो क्या चाहा तुमने… तुम मेरे हो अगर तो,मुझे बुरा मान कर भी चाहो….
इस तरह तुमने
इस तरह तुमने मुझे छोड़ दिया… जेसे रास्ता कोई गुनाह का हो….