हमारा क़त्ल करने की उनकी साजिश तो देखो, गुज़रे जब करीब से तो चेहरे से पर्दा हटा लिया !!
Category: दर्द शायरी
उम्र भर उठाया
उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने… और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे….
हर कोई तेरे आशियाने का पता
हर कोई तेरे आशियाने का पता पूछता है, न जाने किस किस से वफा के वादे किये है तूने !!
चल ना यार हम फिर से
चल ना यार हम फिर से मिट्टी से खेलते है,हमारी उम्र क्या थी जो मोहब्बत से खेल बैठे !!
वो लाख बेवफा सही
वो लाख बेवफा सही पर ये बात सच हैं..यारो,में आज जो भी मोहब्बत सीखा हूँ वो बस उसकी मेहरबानीया है..
समझदार ही करते है
समझदार ही करते है अक्सर गलतिया, कभी देखा है किसी पागल को मोहब्बत करते..!!
ना थी मेरी तमन्ना
ना थी मेरी तमन्ना कभी तेरे बगैर रहने की लेकिन, मज़बूर को, मज़बूर की, मज़बूरियां, मज़बूर कर देती हैं…।।
तारीफ़ अपने आप की
तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है….! ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, की वो कौन सा फ़ूल है……!!
मुसीबतों से निखरती हैं
मुसीबतों से निखरती हैं शख्सियतें यारों……. जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का…….
कंही पर बिखरी हुई बातें
कंही पर बिखरी हुई बातें कंही पर टूटे हुए वादे, ज़िन्दगी बता क्या तेरी रज़ा है और क्या तेरे इरादे…