जनाजा उठा है आज कसमों का मेरी, एक कंधा तो तेरे वादों का भी होना चाहिए !!
Category: गुस्ताखियां शायरी
भिगों कर रख दिया
भिगों कर रख दिया तुम्हारी यादों ने इतना, कि बारिश में भीगने का अब मन नहीं करता…
मोहब्बत को खोकर भी
अपनी मोहब्बत को खोकर भी जो संभल जाते है, बहोत मजबूत हो जाते है वो लोग जिन्दगी में !!
मुझसे मोहब्बत में
मुझसे मोहब्बत में सलाह मांगते है लोग… तेरा इश्क़ मुझे ये तजुर्बा दे गया…
ख़्वाबों की पुट्टी
ख़्वाबों की पुट्टी से ख्वाहिशों की दीवार संवारता हूँ रोज़ ही ज़रुरतें सीलन बनकर उधेड़ देतीं हैं उन्हें|
अजीब सा जहर है
अजीब सा जहर है तेरी यादों मै मरते मरते मुझे सारी ज़िन्दगी लगेगी..!!
अगर ज़िंदगी मे
अगर ज़िंदगी मे कुछ पाना हो तो,अपने तरीके बदलो इरादे नही।
हवा चुरा ले
हवा चुरा ले गयी थी मेरी ग़ज़लों की किताब.. देखो, आसमां पढ़ के रो रहा है. और नासमझ ज़माना खुश है कि बारिश हो रही है..!
अपने लफ़्ज़ों में
ताकत अपने लफ़्ज़ों में डालों आवाज़ में नहीं.. क्यूँकि फसल बारिश से उगती है बाढ़ से नहीं..
जो भी आता है
जो भी आता है एक नई चोट देकर चला जाता है, माना मैं मजबूत हूँ लेकिन…… पत्थर तो नहीं.!