ऐ दिल मुझसे बहस ना कर अब चुप भी हो जा …. उसके बिना इतने दिन गुजार दिए एक दिन और गुज़र जाने दे …!!
Category: गरूर शायरी
जब से पड़ा है
जब से पड़ा है तुझसे वास्ता, नींद नहीं आती मुझे सितारों से पूँछ लो!
उन्होने वक्त समझकर
उन्होने वक्त समझकर गुजार दिया हमेँ… हम उन्हें जिंदगी समझकर आज भी जी रहे हैँ…
तुम करो कोशिशें
तुम करो कोशिशें मुझसे नफरत करने की मेरी तो हर एक सांस से तेरे लिए दुआ ही निकलेगी…!!
हमारी नियत का पता
हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब…. हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी….
नज़र झुका के
नज़र झुका के जब भी वो गुजरे हैं करीब से.. हम ने समझ लिया कि आदाब अर्ज़ हो गया ..
अपनी आदत नही है
अपनी आदत नही है पुरानी चींजे बदलने की … हम सादगी पे मरने वाले जाहिल लोग है |
तू छोड़ रहा है तो
तू छोड़ रहा है तो इसमें तेरी ख़ता क्या हर शख़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता !!
याद रखते हैं
याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह…कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं।
जब इत्मीनान से
जब इत्मीनान से, खंगाला खुद को, थोड़ा मै मिला, और बहुत सारे तुम…