चलो मुस्कुराने की वजह ढूँढते हैँ… तुम हमेँ ढूँढो.. हम तुम्हेँ ढूँढते हैँ..
Author: pyarishayri
सारा दर्द मुझे ही सौंप दिया
सारा दर्द मुझे ही सौंप दिया… उसे मुझपे ऐतबार बहुत था…!!!
तेरे ही किस्से
तेरे ही किस्से…तेरी ही कहानियाँ मिलेंगी मुझमें…, मैं कोई अख़बार नहीं…जो रोज़ बदल जाऊं…।
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने, मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये…!!!
Hum bhi baandhey gey
Hum bhi baandhey gey Tere Ishq mai Ehraam-e-Junoon, Hum bhi Dekhange Tamasha teri LaiLaai ka..!!
किसके लिए
“जीत” किसके लिए, ‘हार’ किसके लिए, ‘ज़िंदगी भर’ ये ‘तकरार’ किसके लिए.. जो भी ‘आया’ है वो ‘जायेगा’ एक दिन यहाँ से , फिर ये इंसान को इतना “अहंकार” किसके लिए..
मत देखो !
मत देखो ! बहुत सुन्दर शब्द जो एक मंदिर के दरवाज़े पर लिखे थे : “सेवा करनी है तो, घड़ी मत देखो ! प्रसाद लेना है तो, स्वाद मत देखो ! सत्संग सुनाना है तो, जगह मत देखो ! बिनती करनी है तो, स्वार्थ मत देखो ! समर्पण करना है तो, खर्चा मत देखो… Continue reading मत देखो !
उसे मुझसे मोहब्बत नही तो ना सही
उसे मुझसे मोहब्बत नही तो ना सही… क्या इतनी सी बात पर मै उसको चाहना छोड दूँ…!
न जाने कब खर्च हो गये वो लम्हें
न जाने कब खर्च हो गये वो लम्हें…. . . जो छुपाकर रखे थे जीने के लिए…..!!
हमारी अधूरी कहानी
सोचने लगा हू बना लू अपनी एक कहानी, पर डर लगता है कि कही रह ना जाए “हमारी अधूरी कहानी”