इंतजार की घड़ियाँ

इंतजार की घड़ियाँ ख़त्म कर ऐ खुदा, जिसके लिये बनाया है उससे मिलवा भी दे अब ज़रा..!

ज़हर पिला दो

आज इतना ज़हर पिला दो की मेरी साँस ही रुक जाये, सुना है साँस रुकने पर बेवफा भी देखने आती है ।

उम्र भर का

कौन देता है उम्र भर का सहारा लोग तो जनाजे में भी कंधे बदलते रहते हैं

खुला रखता हुँ

दिल के दरवाजों को हमेशा ही खुला रखता हुँ, कहा है उसने “देर लगेगी पर आयेंगी जरूर”

मैं वो हूँ

मैं वो हूँ जो कहता था की इश्क़ मे क्या रखा है.. आज कल एक हीर ने मुझे रांझा बना रखा है ..

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