किसी ने क्या ख़ूब फ़र्क़ समझाया है “सही” मे ओर “ग़लत” मे,
जो बात आप अपने माँता-पिता को बोल सकते हो वो “सही”
ओर जो नही बोल सकते वो “ग़लत” हे।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किसी ने क्या ख़ूब फ़र्क़ समझाया है “सही” मे ओर “ग़लत” मे,
जो बात आप अपने माँता-पिता को बोल सकते हो वो “सही”
ओर जो नही बोल सकते वो “ग़लत” हे।