वक़्त के नाखून, बहुत गहरा नोचते हैं दिल को
तब जाके कुछ ज़ख्म, तजुर्बा बनके नज़र आते हैं…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वक़्त के नाखून, बहुत गहरा नोचते हैं दिल को
तब जाके कुछ ज़ख्म, तजुर्बा बनके नज़र आते हैं…