मिट्टी का बना हूँ महक उठूंगा… बस तू एक बार बेइँतहा ‘बरस’ के तो देख……
Tag: Zindagi Shayri
कसक पुराने ज़माने की
कसक पुराने ज़माने की साथ लाया है, तिरा ख़याल कि बरसों के बाद आया है !!
मैं अपने शहर के
मैं अपने शहर के लोगों से ख़ूब वाकिफ़ हूँ हरेक हाथ का पत्थर मेरी निगाह में है|
सौदेबाजी का हुनर
सौदेबाजी का हुनर कोई उनसे सीखे, गालों का तिल दिखाकर सीने का दिल ले गये !
गिरा दे जितना पानी
गिरा दे जितना पानी तेरे पास है बादल.. कयामत तक ये प्यास नही बुझने वाली ..
मुस्कुरा जाता हूँ
मुस्कुरा जाता हूँ अक्सर गुस्से में भी तेरा नाम सुनकर, तेरे नाम से इतनी मोहब्बत है.तो सोच तुझसे कितनी होगी….
तुम निकले ही थे
तुम निकले ही थे बन-सँवर कर मैं मरता नहीं तो क्या करता…
बच्चे ने तितली पकड़ कर
बच्चे ने तितली पकड़ कर छोड़ दी। आज मुझ को भी ख़ुदा अच्छा लगा।
बस आखरी बार
बस आखरी बार इस तरह मिल जाना, मुझ को रख लेना या मुझ में रह जाना !!
आईना हूं तेरा
आईना हूं तेरा, क्यूं इतना कतरा रहे हो.. सच ही कहूंगा, क्यूं इतना घबरा रहे हो..