बचपन में एक पत्थर तबियत से ऊपर उछाला था कभी…! . . आज हालात देखकर लगता है . . कहीं वो “ऊपर-वाले” को तो नहीं लग गया…!!
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वाह रे मेरी जिन्दगी
वाह रे मेरी जिन्दगी…….. तु सच मे सफर~ए~श्मशान है, जहाँ कन्धा भी अपना और लाश भी अपनी….||
अजब फसाना रहा
इश्को-आवारगी का अजब फसाना रहा, दीवाना हमेशा तेरा ही दीवाना रहा..
तू मेरे पास
तू मेरे पास था में तेरे साथ था वो था जिंदगी का दिन की एक दिन की जिंदगी
युं ना देखा
युं ना देखा करो…. खुदा के लिये !! मोहब्बत बढ गयी तो ….मुसीबत हो जायेगी
तुझसे जुदाई के
तुझसे जुदाई के उस एक फ़ैसले के बाद मैं खुद भी अपने साथ कभी रहा नहीं
kon si manzil
Har ek pao mujhe rondhta hua nikla…… Na jane kon si manzil ka raasta hu me….!!!!!
Wo Pooche Agar
Hamari Be-khudi ka Haal Wo Pooche Agar… . To kahna’ Hosh Bas Itna hai k Tumko Yaad karte hai..
Mana ki ham
Dil ki tasalli ke liye haal hi puch liya karo, . . Mana ki ham tumhare kuch nai lagte….!!
तेरे क़रीब आकर
तेरे क़रीब आकर उलझनो में हुँ…… पता नही दोस्तो में हुँ या दुशमनो में हुँ…