शिकवा तो बहुत है मगर शिकायत नहीं कर सकते मेरे होठों को इज़ाज़त नहीं तेरे खिलाफ बोलने की
Tag: Urdu Shayri
कहाँ तलाश करोगे
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा.., जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे…!!
मुहब्बत सामने थी
शिकायत तुम्हे वक्त से नहीं खुद से होगी, कि मुहब्बत सामने थी, और तुम दुनिया में उलझी रही.
दिल की बातें
दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत |
रात होते ही
रात होते ही, तेरे ख़यालों की सुबह हो जाती है
तू वैसी ही है
तू वैसी ही है जैसा मैं चाहता हूँ… बस.. मुझे वैसा बना दे जैसा तू चाहती है…..
धीरे धीरे बहुत
धीरे धीरे बहुत कुछ बदल रहा है… लोग भी…रिश्ते भी…और कभी कभी हम खुद भी….
हमने दिया है
हमने दिया है, लहू उजालों को. हमारा क़र्ज़ है इस दौर के सवेरों पर
मत दो मुझे
मत दो मुझे खैरात उजालों की…… अब खुद को सूरज बना चुका हूं मैं..
तुम दर्द की भाषा
अगर तुम दर्द की भाषा ही समझते हो तो कानो से नही बल्कि आँखों से मेरी आँखों में झाँखो और देखो कितनी मुश्किल से संभाला है समंदर मैंने वो जिसको बहा कर तुमने हमदर्दी का मरहम पाया और मैंने रोक कर …. बेदर्द होने का इलज़ाम!!!