ज़हर पिला दो

आज इतना ज़हर पिला दो की मेरी साँस ही रुक जाये, सुना है साँस रुकने पर बेवफा भी देखने आती है ।

उम्र भर का

कौन देता है उम्र भर का सहारा लोग तो जनाजे में भी कंधे बदलते रहते हैं

उसकी यादें तो

भूलना भी एक नेमत ही है खुदा की…….!! वरना उसकी यादें तो पागल ही कर दें………!!!

होता है इत्तेफ़ाक

अगर होता है इत्तेफ़ाक, तो यूँ क्यों नहीं होता !! _______तुम रास्ता भूलो…और मुझ तक चले आओ..

ये रूहानी मुहब्बत

वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी………! ये रूहानी मुहब्बत है कोई तालीम नहीं जो पूरी हो जाये………!

बीच समंदर देख

मंजर का पसमंजर देख सहरा बीच समंदर देख……….! एक पल अपनी ऑंखें मूंद एक पल अपने अंदर देख…………!

हमसे इश्क़ करके

परेशां है वो हमसे इश्क़ करके वफादारी की नौबत आ गई है….

अधूरी न लिखा कर

ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है तो मेरा लहू लेले, यू कहानिया अधूरी न लिखा कर

तुझे भी इजाजत है

सब छोड़े जा रहे है आजकल हमें,,,,, ” ऐ जिन्दगी ” तुझे भी इजाजत है,,,, जा ऐश कर…ll

मुमकिन नहीं की

कोई तो लिखता होगा इन कागजों और पत्थरों का भी नसीब । वरना मुमकिन नहीं की कोई पत्थर ठोकर खाये और कोई पत्थर भगवान बन जाए । और कोई कागज रद्दी और कोई कागज गीता और कुरान बन जाए ।।

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