बड़ा सख्त मिज़ाज है

बड़ा सख्त मिज़ाज है वो शख्स, उसे याद रहता है कि मुझे याद नहीं करना…

तू मोहब्बत से

तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे…!!!

बेअसर कहाँ होती है

बेअसर कहाँ होती है दुआ कोई भी. .या तेरी कुबूल होगी..या मेरी कुबूल होगी..

सबकुछ निभा गया

वो तो मैं था कि पागल सबकुछ निभा गया, ज़िंदगी भर वर्ना मुह्ब्बत कौन करता है..

दिल अच्छे होते हैं

जिनके दिल अच्छे होते हैं दिमाग वाले उनका अच्छा फायदा उठाते हैं…

टूटे हुए काँच की तरह

टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गये किसी को लग ना जायें, इसलिए सबसे दूर हो गये…!!!

एक तो वैसे ही …..

एक तो वैसे ही ….. तुम्हे भुलाना मुश्किल है और रोज़ मम्मी……. बादाम खिला देती है.

लोगों ने कहा

लोगों ने कहा वक़्त के साथ लोग बादल जाते है .. फिर क्या था … मैंने कभी उन्हें लोगों में गिना ही नहीं …

रोज रोज गिर कर भी

रोज रोज गिर कर भी मुक्कमल खड़ा हूँ, ऐ मुश्किलों, देखो मे तुमसे कितना बड़ा हूँ…!!

शायरों की बस्ती में

शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना । गमों की महफिल भी कितने खुशी से जमती है ।।

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