सारी रात गुज़र जाती है

सारी रात गुज़र जाती है इन्ही हिसाबों में… उसे मोहब्बत थी…? नहीं थी…? है…? नहीं है…

दुनिया जिसे कहते हैं

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है

अपनी नाराज़गी कि

अपनी नाराज़गी कि कोई वजह तो बताई होती, हम ज़माने को छोड़ देते एक तुझे मनाने के लिए…

इतनी मतलबी हो गई हैं

इतनी मतलबी हो गई हैं आँखें मेरी, कि तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नहीं लगती..!!!

तुझसे हर कदम पर

ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता करूँ, शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं।

जीने के आरजू में

जीने के आरजू में मरे जा रहे है लोग, मरने के आरजू में जिया जा रहा हु में.

यूँ ही वो दे रहा है

यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि धमकियाँ, हम कौन सा ज़िंदा हैं जो मर जाएंगे…

मैने रंग दिया

मैने रंग दिया हर पन्ना तेरे नाम से …. मेरी किताबो से पूछ इश्क किसे कहते है …..

जिंदगी अब नहीं

जिंदगी अब नहीं संवरेगी शायद.. तजुर्बेकार था.. उजाड़ने वाला…

‬तू कितनी रंगीन क्युं न हो

‬: तू कितनी रंगीन क्युं न हो ए जिन्दगी… काले पीले दोस्तों के बगैर अच्छी नहीं लगती ….

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